Arya Samaj Marriage Rules
1. वर-वधु दोनों के जन्म प्रमाण हेतु हाई स्कूल की अंकसूची या कोई शासकीय दस्तावेज तथा पहचान हेतु मतदाता परिचय पत्र या आधार कार्ड अथवा पासपोर्ट या अन्य कोई शासकीय दस्तावेज चाहिए। विवाह हेतु वर की अवस्था 21 वर्ष से अधिक तथा वधु की अवस्था 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
2. वर-वधु दोनों को निर्धारित प्रारूप में ट्रस्ट द्वारा नियुक्त नोटरी द्वारा सत्यापित शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा। किसी अन्य नोटरी से सत्यापित शपथ पत्र स्वीकार नहीं किये जावेंगे।
3. वर-वधु दोनों की अलग-अलग पासपोर्ट साईज की 6-6 फोटो।
4. दोनों पक्षों से दो-दो मिलाकर कुल चार गवाह, परिचय-पहचान पत्र सहित। गवाहों की अवस्था 21 वर्ष से अधिक हो तथा वे पढ़ें-लिखे होने चाहिएं।
5. विधवा/विधुर होने की स्थिति में पति/पत्नी का मृत्यु प्रमाण पत्र तथा तलाकशुदा होने की स्थिति में तलाकनामा (डिक्री) आवश्यक है।
6. वर-वधु का परस्पर गोत्र अलग-अलग होना चाहिए तथा हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार कोई निषिद्ध रिश्तेदारी नहीं होनी चाहिए।
Marriage Rules
For Arya Samaj Marriage,the following documents of the bride and groom and items mentioned will be required:
* Documentary evidence of Date of Birth of both the parties.
The minimum age at the time of marriage should be 21 for male and 18 for female.
* Affidavits, each from the bride and groom, stating their date of birth, marital status at the time of marriage and nationality.
* The affidavit must provide affirmation that the bride and groom are not related to each-other within the prohibited degree of relationship.
* A copy of divorce decree/order in case a divorcee or death certificate of spouse in case a widow/widower.
* Six passport size photos of each.
* Four witnesses. Identity proofs of the witnesses is mandatory.
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Tel. : 0731-2489383, 8989738486
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आर्य समाज में सम्पन्न होने वाले विवाह "आर्य विवाह मान्यता अधिनियम -1937, अधिनियम क्रमांक 1937 का 19' के अन्तर्गत कानूनी मान्यता प्राप्त हैं।
"आर्यसमाज विवाह सहायता" अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट द्वारा संचालित है। भारतीय पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम (Indian Public Trust Act) के अन्तर्गत पंजीकृत अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट एक सामाजिक-शैक्षणिक-धार्मिक-पारमार्थिक ट्रस्ट है। "आर्यसमाज विवाह सहायता" अखिल भारत आर्य समाज ट्रस्ट द्वारा संचालित एकमात्र आर्यसमाज हेल्पलाइन है। आप यह सुनिश्चित कर लें कि आपका विवाह शासन (सरकार) द्वारा आर्यसमाज विवाह कराने हेतु मान्य रजिस्टर्ड संस्था में हो रहा है या नहीं। आर्यसमाज होने का दावा करने वाले किसी बडे भवन, हॉल या चमकदार ऑफिस को देखकर गुमराह और भ्रमित ना हों।
विशेष सूचना- Arya Samaj, Arya Samaj Mandir तथा Arya Samaj Marriage और इससे मिलते-जुलते नामों से इण्टरनेट पर अनेक फर्जी वेबसाईट एवं गुमराह करने वाले आकर्षक विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। अत: जनहित में सूचना दी जाती है कि इनसे आर्यसमाज विधि से विवाह संस्कार व्यवस्था अथवा अन्य किसी भी प्रकार का व्यवहार करते समय यह पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि इनके द्वारा किया जा रहा कार्य पूरी तरह शासन द्वारा मान्य एवं लिखित अनुमति प्राप्त वैधानिक है अथवा नहीं। इसके लिए सम्बन्धित संस्था को शासन द्वारा प्रदत्त आर्य समाज विधि से अन्तरजातीय आदर्श विवाह करा सकने हेतु लिखित अनुमति अवश्य देख लें, ताकि आपके साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी ना हो।
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वाणी जीवन का स्वर, सौंदर्य व संगीत है। यदि इसमें हमारे व्यक्तित्व की मधुरता और उसकी साधना का सम्मिश्रण हो जाए, तो जीवन अपने आप ही सुगंधित व सुरभित होने लगता है। वाणी की देवी माता सरस्वती हैं। ऐसा कहते हैं कि पहले इस सृष्टि में सर्वत्र मौन छाया हुआ था, फिर माता सरस्वती की कृपा से सृष्टि में स्वर का संचार हुआ, जिससे विभिन्न तरह का मधुर संगीत इस सृष्टि में गूँजने लगा। इस स्वर के संचार से ही सृष्टि के जीवों में वाक् क्षमता विकसित हुई और वे अपनी मनोअभिव्यक्ति, भावाभिव्यक्ति अपने-अपने स्वरों के माध्यम से करने लगे।
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वाणी वह है, जो किसी के भी मुख से स्वर रूप में बाहर निकलती है और उसके मन के भाव को उसके मन व बुद्धि के अनुसार अभिव्यक्त करती है। मनुष्य की वाणी अन्य जीवों की वाणी की तुलना में विशिष्ट होती है; क्योंकि उसमें अभिव्यक्ति (मनोअभिव्यक्ति, भावाभिव्यक्ति, वैचारिक अभिव्यक्ति, काल्पनिक अभिव्यक्ति आदि) के विभिन्न आयाम (जैसे बोल करके, गा करके, कविता करके, अभिनय करके आदि होते हैं।)
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Speech is the tone, beauty and music of life. If the sweetness of our personality and its spiritual practice gets mixed in it, then life itself starts becoming fragrant and fragrant. Mother Saraswati is the goddess of speech. It is said that earlier there was silence everywhere in this world, then by the grace of Mother Saraswati, there was communication of voice in the world, due to which different types of melodious music started echoing in this world. With the communication of this voice, the power of speech developed in the creatures of the universe and they started expressing their thoughts and feelings through their respective voices.
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Speech is that which comes out of anyone's mouth in the form of voice and expresses the feeling of his mind according to his mind and intellect. Human speech is unique in comparison to the speech of other living beings; Because it has different dimensions of expression (mental expression, emotional expression, ideological expression, imaginary expression etc.)
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मनुष्य अपनी वाणी को भाषा व बोली का रूप दे देते हैं और फिर उसके द्वारा भाँति-भाँति से अपनी भावाभिव्यक्ति करते हैं; जबकि अन्य जीव अपनी वाणी को भाषा या बोली का रूप नहीं दे सकते और यही कारण है कि उनकी एक ही तरह की बोली या भाषा होती है; जैसे - कुत्तों की बोलने की भाषा भौंकने के रूप में होती है, घोड़े की बोलने की अभिव्यक्ति हिनहिनाने के रूप में होती है, बिल्ली म्याऊँ-म्याऊँ करके ही बोलती है, गाय व भैंसों का स्वर अम्मा के रूप में होता है। हाथी के बोलने का स्वर चिंघाड़ने के रूप में होता है; पक्षियों के बोलने का स्वर चहचहाने के रूप में होता है; कबूतर गुटरगू करके बोलते हैं; कौआ काँव-काँव करके बोलता है; तोते सीटी बजाते हैं; कोयल कुहू-कुहू करके बोलती है।
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Humans give their speech the form of language and speech and then through it they express their feelings in different ways; While other creatures cannot give their speech the form of a language or dialect and that is the reason they have only one type of speech or language; For example, the speaking language of dogs is in the form of barking, the expression of horse's speech is in the form of neighing, the cat speaks only by meowing, the voice of cows and buffaloes is in the form of Amma. The voice of an elephant is in the form of a shout; The sound of speaking of birds is in the form of chirping; Pigeons chatter; The crow speaks by cawing; parrots whistle; The cuckoo speaks cooing.